भज मन चरण - कमल सुख दाई |
नन्द को लाल-ब्रषभानु दुलारी-यसुमति नंदन-श्री कीरति प्यारी |
मुरली बजाते भये श्रीराधे तेरे श्याम देखे |
मन मेरो नाचे रे सखी री जैसे वृन्दावन |
जो जन आइके राधेश्याम कहें - मिल जाएँ उन्हें सब सुख की खानी !!
यमुना जल में नित चान करे - पुनि देय परिक्रमा ब्रज रजधानी !
वैकुण्ठहु को सुख फीको लगे - ऐसो सुख भक्त रसिक जन गानी !!
ब्रजवासी व्है ब्रजवास करै - सुने भक्त मुखन्ह हरिकथा सुहानी !
कहै राधे-राधे सुनै राधे-राधे - श्रीजी सेवा में लगन लगानी !!
प्रिया-लाल के नाते सब नाते - कहूँ अन्य न चित्त की कछु पहिचानी !
"स्वीटी" भये बड़-भाग मेरे - ऐसी प्रीति की रीत श्री गुरु है बखानी !!
श्री वृन्दावन धाम अपार जपे जा राधे-राधे
जपे जा राधे-राधे -कहे जा राधे-राधे
श्री राधा अलबेली सरकार रटे जा राधे-राधे
परम धन श्रीराधा नाम अपार !
जाहि श्याम मुरली में टेरे सुमिरे बारम्बार!!
परम धन श्रीराधा नाम अपार!!
परम धन श्रीराधा नाम अपार!!
श्री शुक प्रगट कियो नहीं जाते !
जानि सार को सार !!
परम धन श्रीराधा नाम अपार !!
परम धन श्रीराधा नाम अपार !!
"स्वीटी" श्रीजी कृपा ते - श्री कृष्ण रही है पुकार !
कब आओगे लाडिले - क्यों हठ करिहो बेकार !!
श्रीजी के मैं आसरे -श्रीजी कृपा की छाँव !
कितनेहु दूर चलाओ तुम-न दुखेंगे पांव !!
लालन हार न मैं सकूँ-वृथा परीक्षा लेहु !
श्री राधेजू की शरण हूँ-आन पड़ेगो पेखु !!
तेरो कहाय के और को- कैसे कह्यो तू देख !
श्री राधावल्लभ लाडिले -हँसी होयगी देख !!
श्रीजी मेरी स्वामिनी-मैं श्रीजी की दास !
श्यामा प्यारी रस कथा -मेरे जीवन आस !!
तेरो नाम धारण कियो -रसिक बिहारी लाल !
तेरे में मोहित भयो-श्री मदन मोहन गोपाल !!
छुट गए जग के भरम सब -छूटे मोह के गीत !
मुरली मनोहर प्रेम है-मुरली धुन संगीत !!
तेरे कारन ही प्रभो-कियो सोशल नेट्वर्किंग संग !
तृष्णा "स्वीटी" हिय बसी-बिखराउँ श्याम-श्याम रंग !!
हे मेरे श्यामा-श्याम हे मेरे लाडिली-लाल में आपको कभी भूलूं नहीं !!
हे प्रिया-प्रियतम आपकी कृपा संग मुझे कभी आपसे विस्मृत न होने दे !!
राधे-राधे -श्याम जय-जय श्री वृन्दावन धाम
राधे-राधे -श्याम जय-जय श्री वृन्दावन धाम
राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे
राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे किशोरी तेरे चरनन की रज पाऊँ स्वामिनी चरनन पे बलि जाऊं
राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे
दूर-भई दुनिया मोसों !
सब पीर गयीं-मन सुखी भयो !!
नाते सगरे प्रभु तोसे जुडे !
कहीं हानि न लाभ हिय में रह्यो !!
करुना सागर की करुना में !
जीवन मेरो निश्चिन्त भयो !!
श्री राधे-राधे लगन लगी !
बिनु योग के ही संयोग भयो !!
आचार न थे नहिं ज्ञान भी था !
तप क्या होता कुछ पता न था !!
बैराग्य कहाँ रहता था !
कुछ इसका मुझको भान न था !!
भक्ति माता क्या कहती है !
सुनने में मेरा ध्यान न था !!
गुरु कृपा भई ऐसी न्यारी !
मेरी मति सुधरी पायीं प्यारी !!
मोहे रंग लगे- तेरे न्यारे !
सब सुधर गए - बिगरे सारे !!
सीता राम लगन - राधे श्याम लगन !
मैं भई मगन - मैं भई मगन!!
"स्वीटी" भये मेरे सभी कथन !!
पल्लवित हो कर के प्रेम बेल !
उठी प्रिया-लाल संग अमर उमंग !!
मैं कहूँ सदा - मैं सुनूं सदा !
मेरे गीत सदा - संगीत सदा !!
राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे
shri radhey !!! hare krishna!! |
राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे |
राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे |
राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे |
राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे-राधे
हे मनमोहन ! हे मधुसूदन ! राधावल्लभ ! कुञ्ज बिहारीजी ! राधे-राधे मैं गाय रही - तकूँ गैल तिहारी गिरधारी जी !!
श्याम-सुन्दर ! प्यारे नन्द-नंदन ! गोपाल ! गोविन्द ! श्री राधा-रमण !
मैंने तेरे मैं विश्वास कियो - अपनो मन तेरे रास कियो !!
रटूं गीत तेरे मैं सांवरिया जी - घूमूँ नित्य तेरी प्रिय नगरिया जी !
तेरे कारन मेरो नाम पुजै - तेरे करते सब काम चलै !!
तेरी मेरी प्रीत पुरानी है- कोई जाने या अंजान रहै !
तुम मेरे प्यारे खिवैया हो - मेरे जीवन की नैया हो !!
मेरे भाग्य भी तुम - मेरे कर्म भी तुम !
मेरे ज्ञान भी तुम - मेरे ध्यान भी तुम !!
वैराग्य मेरे तुम प्यारे महा !
मेरे मनमीत हो प्यारे सदा !!
तेरी-मेरी पहचान है एक !
तेरे मेरे संगीत हैं एक!!
तेरी मुरली धुन मुझे कहलाती !
मैं प्रियाजी की हूँ प्रिय दासी !!
"स्वीटी" "राधे-राधे" नाम मेरो !
जीवन धन "राधे-राधे" नाम मेरो !!
मेरी टेर बनी "राधे-राधे" !
मेरी जीवन-प्राण "राधे-राधे" !!
प्रेम से बोलें
ReplyDeleteराधे-राधे
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे -हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
प्रेम से बोलें
ReplyDeleteराधे-राधे
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे -हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
!!मधुराष्टकं!!
अधुरं मधुरं वदनं मधुरं - नयनं मधुरं हसितं मधुरम्!
हदयं मधुरं गमनं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
वचनं मधुरं चरितं मधुरं - वसनं मधुरं वलितं मधुरम्।
चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुर:- पाणिर्मधुर: पादौ मधुरौ।
नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
गीतं मधुरं पीतं मधुरं - भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरम्।
रुपं मधुरं तिलकं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
करणं मधुरं तरणं मधुरं - हरणं मधुरं रमणं मधुरम्।
वमितं मधुरं शमितं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
गुन्जा मधुरा माला मधुरा - यमुना मधुरा वीची मधुरा।
सलिलं मधुरं कमलं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
गोपी मधुरा लीला मधुरा - युक्तं मधुरं भुक्तं मधुरम्।
दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
गोपा मधुरा गावो मधुरा - यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा।
दलितं मधुरं फलितं मधुरं - मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
॥ इति श्रीमद्वल्लभाचार्यकृतं मधुराष्टकं सम्पूर्णम् ॥
ये तो प्रेम की बातें हैं उधौ
ReplyDeleteवन्दगी तेरे बस की नहीं है !
यहाँ सर दे के होते हैं सौदे
आशिकी इतनी सस्ती नहीं है !!
प्रेमवालों ने कब वक्त पूछा
तेरे द्वारे पे आने को प्यारे !
यहाँ पल-पल पे होती है पूजा
सर झुकाने की फुर्सत नहीं है !1
ये तो प्रेम की बातें हैं उधौ
वन्दगी तेरे बस की नहीं है !
यहाँ सर दे के होते हैं सौदे
आशिकी इतनी सस्ती नहीं है !!
जिसके दिल में बसे श्याम प्यारे
वोह तो होते हैं जग से न्यारे !
जिसकी नज़रों में प्रीतम बसे हैं
वो नज़र फिर तरसती नहीं है !!
ये तो प्रेम की बातें हैं उधौ
वन्दगी तेरे बस की नहीं है !
यहाँ सर दे के होते हैं सौदे
आशिकी इतनी सस्ती नहीं है !!
जो असल में हैं मस्ती में डूबे
उनको परवाह नहीं है किसी की !
जो उतरती और चढ़ती है मस्ती
वोह हकीकत में मस्ती नहीं है !!
ये तो प्रेम की बातें हैं उधौ
वन्दगी तेरे बस की नहीं है !
यहाँ सर दे के होते हैं सौदे
आशिकी इतनी सस्ती नहीं है !!
राधे-राधे
दर्शन दो घनश्याम नाथ, मेरी अंखिया प्यासी रे !
ReplyDeleteमन मंदिर की ज्योत जगा दे , घट घट के वासी रे !!
दर्शन दो घनश्याम नाथ, मेरी अंखिया प्यासी रे !!
मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी ना दिखे सूरत तेरी !
युग बीते ना आई मिलन की पूर्णमासी रे !!
दर्शन दो घनश्याम नाथ, मेरी अंखिया प्यासी रे !!
द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर मैं गूंगा बोले !
अंधा देखे लंगडा चलकर पहुंचे कासी रे !!
दर्शन दो घनश्याम नाथ, मेरी अंखिया प्यासी रे !!
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !!
ReplyDeleteश्याम देखा - घनश्याम देखा !
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !!
राधा तेरा श्याम हमने मथुरा मैं देखा !
बंसी बजाते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा !!
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !!
राधा तेरा श्याम हमने गोकुल मैं देखा !
गैया चराते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा !!
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !!
राधा तेरा श्याम हमने वृन्दावन मैं देखा !
रास रचाते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा !!
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !!
राधा तेरा श्याम हमने गोवेर्धन मैं देखा !
गोवेर्धन उठाते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा !!
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !!
राधा तेरा श्याम हमने सर्वजन मैं देखा !
राधा राधा जपते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा !!
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा !!
श्याम देखा - घनश्याम देखा !
ओ बंसी बजाते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा !!
कृष्णप्रेममयी राधा राधाप्रेममयो हरि:!
ReplyDeleteजीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिमम :!!
Radha is full of love for Krishna, and Hari (Krishna) is full of love for Radha. In the wealth like life, may Radha and Krishna be the course of my soul.
कृष्णस्य द्रविणं राधा राधाया: द्रविणं हरि !
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिमम :!!
The essence of Krishna is Radha, and the essence of Radha is Krishna. In the wealth like life, may Radha and Krishna be the course of my soul.
कृष्णप्राणमयी राधा राधा प्राणमयो हरि !
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिमम :!!
Radha is the life of Krishna, and Krishna is the life of Radha. In the wealth like life, may Radha and Krishna be the course of my soul.
कृष्णद्रवामयी राधा राधा द्रवोमयो हरि: !
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिमम :!!
Radha is the sport of Krishna, and Krishna is the sport of Radha. In the wealth like life, may Radha and Krishna be the course of my soul.
कृष्णगेहे स्थिता राधा राधागेहे स्थितो हरि :!
जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिमम :!!
Radha is situated in the home of Krishna and krishna is situated in the home of radha . in the wealth like life may radha and kishna be the course of my soul
jay-jay shri radhe-shyam
happy birthday my great--radhika-radhe-radhe
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletehappy birthday to me-radhe-radhe
ReplyDeletehappy birthday to me
मेरी टेर बनी "राधे-राधे" !
मेरी जीवन-प्राण "राधे-राधे" !!
sweet-radhika radhe-radhe
happy birthday me
ReplyDeleteradhe-radhe"
happy birthday to me
25-december-2010
मेरी टेर बनी "राधे-राधे" !
मेरी जीवन-प्राण "राधे-राधे" !!
sweet-radhika radhe-radhe
happy birthday sweetie--radhe-radhe
ReplyDeletehappy 25 december--radhe-radhe
जो आनंद सिन्धु सुख रासी ! सीकर तें त्रिलोक सुपासी !!
ReplyDeleteसो सुख धाम राम अस नामा ! अखिल लोक दायक विश्रामा !!
रघुनन्दन कृपा करी मिले रामचरित के गान ! प्रेम बढ्यो-श्रद्धा बढ़ी बनी श्रीजी सों पहिचान !!
ReplyDeleteगावत रहूँ तुलसी सुधा सूरदास के बोल ! मीरा जी की भावना गिरधर-गिरधर तोल !!
नाम स्मरण चैतन्य से सीखो कीर्तन रंग ! स्वामी श्री हरिदास को नित्य बिहार प्रसंग !!
श्री हित हरिवंश की रीत में प्रीत प्रगट भई आय ! राधावल्लभ लाडिले मेरो मन तोकूँ ही ध्याय !!
वृन्दावन में वास कर श्रीजी पदानुराग ! रसिकन संग वर्णन करूँ प्रियतम प्रीति भाग !!
"स्वीटी राधिका"प्रमुदित सदा भक्ति-भक्त संयोग ! भगवंतहु सम्मुख सदा श्रीजी कृपा के योग !!
मित्रो...रामजी से विरोधाभास रखने वालों की क्या गति होती है ये प्रस्तुत पंक्तियों में जानें
ReplyDeleteकाहूँ न बैठन कहा न ओही ! राखि को सके राम कर द्रोही !!
मातु मृत्यु पितु समन समाना ! सुधा होई बिष सुनु हरि जाना !!
मित्र करइ सत रिपु कई करनी ! ता कहं बिबुध नदी बैतरनी !!
सब जग ताहि अनलहु ते जाता !जो रघुबीर बिमुख सुनु भ्राता !!
भगवान के स्वरुप-लीला-धाम-मूर्ति-धर्मं-नाम से बैर रखने वालों को संसार में तथा अन्यत्र कहीं भी आसरा मिलना असंभव है राम बिरोधी से माता-पिता,मित्र,अमृत तथा सभी देवता-सम्बन्धी विपरीत व्यवहार करने लगते है अर्थात राम बिरोधी का विनाश अवश्यमेव है यद्यपि हमारे रामजी करुनानिधान हैं-अत्यंत कृपालु हैं रामजी किसी के अनिष्ट की नहीं देखते परन्तु राम बिरोधियों का पतन उनके स्वयं के कुकर्मों के द्वारा हुयी कर्म हानि के द्वारा होजाता है ..रामजी से विरोधाभास रखने पर स्वयं के भाग्य-सम्बन्धी-मित्र बिरोधी अर्थात हानि करने वाले हो जाते हैं मित्रो रामजी की कृपा - आशीर्वाद से
अमंगल भी मंगल हो आनंद प्रदान करते हैं
यथा-मंगल भवन अमंगल हारी! उमा सहित जेहिं जपत पुरारी !!
अतः हम सबको माता पार्वती - भगवान शंकर के साथ उनके मानस हंस श्री रामजी को प्रतिदिन-प्रतिपल सुमिरन करना चाहिए --जय-जय सियाराम
आईये सबके ह्रदय में माता के रूप में निवास करने वाली जगत जननी माता दुर्गा -माता पार्वती-माता काली के चरणों में प्रणाम कर
"श्री रामचरित मानस" कम्युनिटी की सदस्यता ग्रहण कर ऑरकुट पर राधे-राधे कह हरि- नामामृतम लूटें -
साथ ही साथ भगवान भूतनाथ-करुनावतार-महादेव श्री विश्वनाथ भगवान शंकर को प्रणाम कर कृपाशीष प्राप्त करें
कर्पूरगौरम करुनावतारम संसारसारं भुजगेन्द्रहारं !
सदाबसंतम हृदयारविन्दे भवं भवानी सहितं नमामि!!
"या देवि सर्व भूतेषु मात्र रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै-नमस्तस्यै-नमस्तस्यै नमो नमः "
प्रेम से गायें --
हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे -हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे
तप्त कांचन गौरांगी श्री राधा वृन्दावनेश्वरी
ReplyDeleteब्रषभानु सुते देवि प्रनमामि हरिं प्रिये!!
स्वीट राधिका राधे -राधे
जय-जय सिया राम
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे -हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ! हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे !!
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteram kah ram kah ram kah babare !
ReplyDeleteram bina kanhan jayego tu babare !!
ram ke bina ka payego re babare !!