Saturday, July 23, 2011

झूंठे फल सबरी के खाए - प्रेम विवस रघुराई


मैं भक्तन को दास भगत मेरे मुकुटमणि

गोस्वामी  तुलसीदास  जी  द्वारा  रचित  श्री रामचरितमानस  की  यह 

अनुपम  प्रभु  भक्ति  प्रदायी  चौपाई  -

मोरे     मन    प्रभु  अस  विश्वासा !

राम  ते  अधिक  राम  कर  दासा !!

.. प्रभु  श्री  राम  जी  से  भी  श्री  राम  भक्तों  की  महिमा  अधिक  सूचित  कर -

सभी  आश्रितों -शरणागतों  को  दासानुदास  भक्ति  की  प्रेरणा  दे  रही  है  !

जैसे  भैया  शत्रुघन  जी  ने  भरत  जी  का  आश्रय  लिया  !

रिपु  सूदन पद  कमल  नमामि  !

सूर सुशील भरत  अनुगामी  !!

जय  भक्ति -भक्त -भगवंत  गुरु  !!

श्री भगवान भी दुर्वाषा ऋषि को महाराज अम्बरीश प्रसंग पर "अहम् भक्त पराधीनो" कह भक्त शरण जाने 

को बोलते हैं 

इसी प्रकार श्री रामचरितमानस में लिखा है कि जो प्रभु कभी किसी के द्वारा अपना अपमान-निंदा या  

गलती होने पर भी "राखि न प्रभु हिय चुक किये की " के अनुसार क्रोधित नहीं होते वही समदर्शी 

भक्त-वत्सल दीनानाथ भक्त के प्रति अपराध किये जाने पर - अत्यंत कुपित हो नष्ट कर देते हैं !

जो अपराध भक्त कर करइ  ! राम रोष पावक सो जरइ   !!

हमारे ब्रज धाम में प्यारे कृष्ण कन्हैया की वाणी-सन्देश-प्रेम है कि -

"मैं भक्तन को दास भगत मेरे मुकुटमणि "

"भगत जहाँ मेरे पग धरें तहां धरूँ मैं शीश "

आइये प्रेम से प्रेम के प्रेमी भक्तवत्सल भगवान को प्रस्तुत पंक्तियों में याद करें - अनुभव करें कि समदर्शी 

होते हुए भी भगवान कैसे भक्तदर्शी हो प्रेम में पक्षपात किया करते हैं !!!

रामहि केवल प्रेम पियारा !!

हरि व्यापक सर्वत्र समाना !  प्रेम तें प्रगट होहिं में जाना !! 

सबते ऊँची प्रेम सगाई !

झूंठे फल सबरी के खाए - प्रेम विवस रघुराई !! 

सबते ऊँची प्रेम सगाई !!

दुर्योधन कि मेवा त्यागी - पट विदुर घर खायी !! 

सबते ऊँची प्रेम सगाई !!

प्रेम विवस अर्जुन रथ हांक्यो - भूल गए ठकुराई !! 

सबते ऊँची प्रेम सगाई !!

ऐसी प्रीति बढ़ी वृन्दावन - गोपियाँ नाच नचाई !! 

सबते ऊँची प्रेम सगाई !!

सुर कुर कछु लायक नाहीं - कही विधि करत बड़ाई !! 

सबते ऊँची प्रेम सगाई !!



*जय श्रीराधे *

8 comments:

  1. kon kahata hai satya kahin chhip hai gaya !
    kahin bhram ke badal satyakash ko chhu bhi saken !!
    sanatan dharma hai satya surya sa pratit sada !
    kahin asatya ke bole dharma sammukh tik bhi saken !!
    jay hindutwa !!
    jo bole so abhay ! saty sanatan dharma ki jay !!

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  2. one person questioned then my answer --
    Geetesh Gupta
    Pls mujhe btaye ke jainio ke kisi bhi tirthankar ya any dewta ya mahaveer swami ke pas ko astra shastra kiu nahi he. Pls tel me
    17 hours ago · Unlike · · See Friendship
    You like this.
    Sweetie Radhika Gautam -
    meri drishti men ye sab bhagawan narayan ke anshavatar bhagawan shri rishbh dev ji ko follow karate hain joki inake aadi aachary hen kalantar men inhone jhunthe mithak gadh-gadh kar jatak kathayen bana dalin .. jisamen bhagawan shri krishna-shri ram ji ka bhi jhuntha charitra vanaya .. parantu ab ye sahi disha men hindutwa ko man rahe hain vo to tuchchh politics evam lalachi guru kabhi kabhar janamanas ko misguide kar dete hain anyatha jaini samaj .. mandiron devalayon men jakar bhagawan ko puj rahe hain ... bhakti path par hain vaishnav achar dharma men hain !!!! rahi bat ashtra-shastra dharan ki to ye sab guru-achary hen jo ahinsa rupi path jan manas men apani karani-kathani se pracharit karate hain !!! jay hindutwa !!!

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  3. jay-jay shree radha raman jay-jay naval kishor !
    jay gopi chit chor prabhu jay-jay makhan chor !!

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  4. ‎* *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे * *जय श्रीराधे *
    15 minutes ago · Like · 1 person
    Sweetie Radhika Gautam *जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम**जय श्रीराधे श्याम*
    4 minutes ago
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    2 minutes ago · Like
    Sweetie Radhika Gautam जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम -जय सीताराम

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  5. करारविन्देन पदार्विन्दम मुखारविन्देन विनिवेश यन्तम
    वटस्य पत्रस्य पुटे शयानं वालं मुकुन्दं मनसास्मरामि !!
    श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेव !!
    सुमिर पवन सुत पावन नामू ! अपने वश करि राखे रामू !!

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  6. bhakti is not a shram sadhya this is by only bhagavad kripa sadhya .. and the nature of shri bhagawan is very merciful .. so people can get easily .. not a hard work ... lord krishna preaches arjuna in shri mad bhagavad geeta about various path for him as gyan yog -sankhy yog-karma yog (all three about nirgun brahma) but at last he told sagun brahma-bhakti yog for sharanagati and now krishna keep all about sharanagat ... so all yog nirgun nirakar - sagun sakar - sagun nirakar ( arya samaj) are best but sagun -sakar is simple -close -merciful- and easy to get so this is more popular .. jay shri radhey !!

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  7. मोहन हमारे मधुवन में तुम आया न करो,
    जादू भरी या बाँसुरी बजाया न करो ॥

    सूरत तुम्हारी देख के सलोनी साँवरी,
    सुन बाँसुरी की राग को हम हो गयी बावरी,
    माखन को चुराने वाले दिल चुराया न करो ॥१॥
    मोहन हमारे मधुवन में तुम आया न करो,
    जादू भरी या बाँसुरी बजाया न करो ॥

    माथे मुकुट, गलमाल, कटि में काछनी सोहे,
    कानों में कुण्डल झूमके मन मेरे को मोहे,
    इस चन्द्रमा के रुप को लुभाया न करो ॥२॥
    मोहन हमारे मधुवन में तुम आया न करो,
    जादू भरी या बाँसुरी बजाया न करो ॥

    अपनी यशोदा मात की सौगन्ध है तुमको,
    यमुना नदी के तीर पै तुम ना मिलो हमको,
    इस बाँसुरी की तान पै बिलमाया ने करो ॥३॥
    मोहन हमारे मधुवन में तुम आया न करो,
    जादू भरी या बाँसुरी बजाया न करो ॥

    इसी तुम्हारी बाँसुरी ने मोहिनी डारी,
    चन्द्र सखी की बीनती तुम सुनियौ बनवारी,
    दरस दिखा दे साँवरा अब देर नाकरो ॥४॥
    मोहन हमारे मधुवन में तुम आया न करो,
    जादू भरी या बाँसुरी बजाया न करो ॥

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  8. नन्द घर आनंद भये जय कन्हैयालाल की
    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी एवं नंदोत्सव की सभी भक्त-प्रेमियों को बधाइयाँ
    एवं जय-जय श्री राधे !!
    बाजत बधैया श्री ब्रजमंडल में आज पुनि -नन्द के कुमार आनंद उमरायो है !
    संत-भक्त सिद्ध भये पूर्ण मनोरथ आज -उमगि-उमगि रस सिन्धु बरषायो है !!
    यशुमति नंदन के जन्म दिवस धूम -ब्रह्म-वेद-देव-शास्त्र धन्य-धन्य गायो है !
    नन्दघर अरविन्द बैठे कृष्ण-बलराम सखि -गावो बधैया मकरंद रस पायो है !!
    नन्द घर आनंद भये जय कन्हैयालाल की
    नन्द घर आनंद भये जय कन्हैयालाल की
    नन्द घर आनंद भये जय कन्हैयालाल की
    नन्द घर आनंद भये जय कन्हैयालाल की

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हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ! हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे !!