Sunday, July 24, 2011

गरुड़ सुमेरु रेनु सम ताही ! राम कृपा कर चितवा जाही !!


प्रवसि  नगर  कीजै  सब  काजा ! ह्रदय  राखि  कोसलपुर  राजा  !!
गरल  सुधा  रिपु  करिय  मिताई ! गोपद  सिन्धु  अनल  सितलाई !!
गरुड़  सुमेरु  रेनु  सम  ताही ! राम  कृपा  कर  चितवा  जाही  !!



जय सियाराम, मित्रो भगवान का नाम-चिंतन-स्मरण हमें जगत में सभी प्रकार की सफलताएँ देकर श्री सीताराम चरण-कमल रति प्रदान करता है ! उपरोक्त चौपाईयां जगत में परम आदरणीय -मनोकामना पूर्ति हेतु कल्प बृक्ष सदृश  -श्री सीताराम भक्ति प्रदायी श्रीमद रामचरितमानस  नामक "रामभक्ति जहाँ सुरसरि धारा " है ,से संकलित हैं ! यहाँ श्रीराम भक्त  हनुमानजी  द्वारा माता जानकी की सुध लेने के लिए लंका में प्रवेश का सन्दर्भ है कि श्री पवन पुत्र भगवान श्री राम का स्मरण कर लंका में प्रवेश करते हैं ! जिसके लिए भगवान के वाहन पक्षीराज गरुड़ को परम आदरणीय भगवद भक्त श्री काकभुशुण्डी जी निर्देशित कर रहे हैं कि - हे गरुड़ जी श्री हरि सुमिरन संसार कि सभी बाधाओं जैसे -बिष-शत्रु-दुर्गमता आदि का निवारण श्री राम कृपाशीष से  सहज ही होजाता है ये राम चरनाश्रित को प्रतिकूलता छोड़ अनुकूल हो जाते हैं ! बिष अमृत ,शत्रु मित्र ,अग्नी-शीतलता  का आचरण करने लग जाती है -परम दुर्गम समुद्र भी गोखुर की भांति पर करने में सुगम , महान सुमेरु पर्वत धूल कण की भांति  होकर श्री राम कृपा चितवन से आश्रित जन को लाभ पहुंचाकर उसे कार्य में सफलता प्रदान करते हैं ! अतः क्यों आज से अभी से श्री हनुमान जी की भांति श्री राम नाम को अपना आश्रय बना -श्री रामचरितमानस का पान कर जगत की सभी शंका-दुर्घटनाओं से मुक्त हो अभय पद पाकर , मनोवांछित सद-सफलताओं  को अपने नाम लिख लें ! 
श्री हनुमानजी ने भगवान श्री राम के सुमिरन से ही परम स्वत्रन्त्र रघुनन्दन अजिर बिहारी श्री राम जी को अपने वश प्राप्त कर लिया है
 "सुमिर पवन सुत पवन नामू !  अपने वश करि राखे रामू !!
मित्रो क्यों न हम भी श्री हनुमान जी से प्रेरणा ग्रहण कर श्री राम जी की शरण ग्रहण कर जगत वन्दनीय-परम दुर्लभ श्री राम कृपा के सहभागी बनें !! 

जय - जय सीताराम !! 
जय-जय श्री हनुमान जी !! 
नमः पार्वती पत्ये हर-हर महादेव !!

एक मित्र ने मुझे facebook पर श्री हरिनाम लिखने पर मासा अल्लाह लिखा 
जबकि नाम-पहचान से वह हिन्दू था !
मेरा निवेदन है कि कृपया ध्यान रखें--- ऐसा अनर्गल संबोधन श्री हरि के महत नामों पर कमेन्ट करना नामापराध है - भगवान के परम पावन जन-मन-रंजन नाम क
ा उपहास जैसा कुकृत्य है अतः ऐसा न करें !
मेरा उसे निम्नांकित प्रतिउत्तर रहा !
श्री हरि नामावली -जयघोष में ये मासा और अल्लाह कहाँ से ले आये .. कृपया श्री हरि के शास्त्र -वेद -पुराण सम्मत नामों के बीच व्यर्थ का संबोधन न जोड़ें !
.......... जय श्रीराम !!


आइये भगवान के कुछ शास्त्र सम्मत-भक्त मन रंजन परम पावन मनोहारी नामों का आनंद लें -
जय पार्थ सारथी -जय गीता ज्ञान उद्घोषक-जय वासुदेव-जय श्री कृष्ण-जय केशव-जय माधव-जय श्री मन नारायण -जय विश्वनाथ-जय आशुतोष-जय महाकाल-जय शिव शम्भो -जय गजानना-जय चतुरानन-जय जग जननी -जय दीनानाथ प्रभो -जय भक्त वत्सल-जय सच्चिदानंद-जय दीनबंधू-जय सत्य प्रभो -जय धर्मं सनातन -जय रघुवर-जय-जय श्री हरि प्रेमा नन्द प्रभो !
जय-जय श्री राधेश्याम !
नमः पार्वती पत्ये हर-हर महादेव !!




  • 25 minutes ago · COMMUNICATION WITH A FRIEND ON FACE BOOK - I USED MANY LINES FROM MY WEALTH - JAY SIYARAM  



    3 hours ago ·  ·  · 
    • You, Ram Sripal, Sat Chit Ananda, Krishna Priya Sakhi and 9 others like this.
      • Sweetie Radhika Gautam आइये भगवान के कुछ शास्त्र सम्मत-भक्त मन रंजन परम पावन मनोहारी नामों का आनंद लें -
        जय पार्थ सारथी -जय गीता ज्ञान उद्घोषक-जय वासुदेव-जय श्री कृष्ण-जय केशव-जय माधव-जय श्री मन नारायण -जय विश्वनाथ-जय आशुतोष-जय महाकाल-जय शिव शम्भो -जय गजानना-जय चतुरानन-जय जग जननी -जय दीनानाथ प्रभो -जय भक्त वत्सल-जय सच्चिदानंद-जय दीनबंधू-जय सत्य प्रभो -जय धर्मं सनातन -जय रघुवर-जय-जय श्री हरि प्रेमा नन्द प्रभो !
        जय-जय श्री राधेश्याम !
        नमः पार्वती पत्ये हर-हर महादेव !!
        3 hours ago ·  ·  5 people
      • Swami Manjeet Vats radhika ji hum aap k aabhari he aap sabko sahi marg darshn kara rhi he ~~jai shree krishna
        3 hours ago ·  ·  3 people
      • Hari Bol hk
        2 hours ago ·  ·  1 person
      • Sweetie Radhika Gautam dhanyavadSwami Manjeet Vats ji -- jay shri radhey aapake comment se mujhe dharma vyakhya evam prachar hetu aur adhik sambal prapt hua hai Hari Bol ji kripya harekrishna likhen yahan koi short form bhagavad nam ke liye nahin chalegi .. harekrishna !!
        2 hours ago ·  ·  2 people
      • Hari Bol GREAT JOB, SWEAT RADHIKA G.......... ,
        2 hours ago · 
      • Hari Bol AAP KA KAHNA BILKUL SAHI HAI, YADI PRABHU KI MAHIMA OR UNKEY NAAM KI MAHIMA VO JAANTEY...TO UNKA JEEVAN SAFAL HO JATA. AISEY ASUR BAAR- BAAR NEECH YONIYO MAI JAATEY HAI. Shri bhagwan ke name or unmey bilkul bhi antar nahi hai........ ram se bada ram ka name/ kalyug mai name-avatar hai, sirf name se hi mukti ho jaaty hai,,,,,.........jai shri krsna
        2 hours ago ·  ·  1 person
      • Sweetie Radhika Gautam ji Hari Bol thanks , for writing sweet hari nam in full form yes shri bhagawan is too has not capability to say the mahima of his sweet name .. as in lord shri rama's devotional song shri mad ram charit manas - kaun kahan lagi nam badai ! ram na sakahin nam gun gaai !! jay shri ram !! jay shri krishna !!
        2 hours ago ·  ·  1 person
      • Hari Bol gud job............hare krsna
        2 hours ago ·  ·  1 person
      • Sweetie Radhika Gautam not a job its bhakti yog-prem yog !! duty for religion -humanity !! jay shri radha govind ji !!
        about an hour ago ·  ·  1 person
      • Hari Bol dear radhika sister note plz------no krsna, no peace know krsna, know peace.............hk
        about an hour ago ·  ·  1 person
      • Hari Bol no krsna, no peace-----know krsna, know peace
        about an hour ago ·  ·  2 people
      • Sweetie Radhika Gautam yes ,lord krishna advised arjuna in bhagavad geeta for surrendering to the lord krishna -tamev sharanam gachchh sarv bhaven bharatah ,, tt prasadat param shantih ,, and also in vedas lord krishna is the sound of true peace .. mean no fear-no worry -no tension in heart and mind .... so say jay shri krishna and get a sweet smile in a reaction ..
        about an hour ago ·  ·  3 people
      • Hari Bol yaaaaaaaaaaaa.............​it's a true....
        about an hour ago ·  ·  2 people
      • Sweetie Radhika Gautam plz join this event - JAI HINDUTWA-JAI BHARAT
        http://www.facebook.com/ev​ent.php?eid=11423414533180​4
        Location: face book - jai hindutwa group
        Time: ‎6:30AM Monday, August 22nd
        about an hour ago ·  ·  1 person · 



  • Sweetie Radhika Gautam SOI MAM ISHT DEV RAGHUVEERA ! SEVAT JAAHI SADA MUNI DHIRA !!
    24 minutes ago ·  ·  1 person

  • Sweetie Radhika Gautam JO AANAND SINDHU SUKH RASI ! SIKAR TEN TRAILOK SUPASI !!
    22 minutes ago ·  ·  1 person

  • Sweetie Radhika Gautam SO SUKH DHAM RAM AS NAMA ! AKHIL LOK DAYAK VISHRAMA !!
    22 minutes ago ·  ·  1 person

  • Sweetie Radhika Gautam MOR SUDHARIHIN SO SAV BHATIN ! JASU KRIPA NAHIN KRIPAN AGHATIN !!
    21 minutes ago ·  ·  1 person

  • Sweetie Radhika Gautam RAM SUSWAMI KUSEVAKU MOSO ! NIJ DIS DEKHI DAYA NIDHI POSO !! JAY-JAY SIYARAM !!
    20 minutes ago ·  ·  1 person


    • 21 minutes ago · 

    • Sweetie Radhika Gautam TAPT KANCHAN GAURANGI SHRI RADHA VRINDAVANESHWARI ! BRASHBHANU SUTE DEVI PRANAMAMI HARIM PRIYE !! JAY SHRI RADHEY !!
      21 minutes ago ·  ·  1 person

    • Sweetie Radhika Gautam JANAK SUTA JAG JANANI JANAKI ! ATI SAY PRIY KARUNA NIDHAN KI !!
      20 minutes ago ·  ·  1 person

    • Sweetie Radhika Gautam TAKE YUG PAD KAMAL MANAVAHUN ! JASU KRIPA NIRMAL MATI PAVAHUN !!
      19 minutes ago ·  ·  1 person


      • 20 minutes ago 

      • Sweetie Radhika Gautam KRISHNAY VASUDEVAY HARAYE PARAMATMANE ! PRANATAH KLESH NAASHAAY GOVINDAAY NAMO NAMAH !! JAY SHRI KRISHNA !!
        19 minutes ago ·  ·  1 person


        • 18 minutes ago 

        • Sweetie Radhika Gautam KARPUR GAURAM KARUNAVATARAM SANSAR SARAM BHUJAGENDRA HAARAM ! SADA VASANTE HRIDAYAAR VINDAM BHAVAM BHAVANI SAHITAM NAMAAMI !! NAMAH PARVATI PATYEH HAR-HAR MAHADEV !!
          18 minutes ago ·  ·  1 person


          • 17 minutes ago 

          • Sweetie Radhika Gautam JO BOLE SO ABHAY - SATYA SANATAN DHARMA KI JAY !!
            16 minutes ago ·  ·  2 people

5 comments:

  1. मोहन हमारे मधुवन में तुम आया न करो,
    जादू भरी या बाँसुरी बजाया न करो ॥

    सूरत तुम्हारी देख के सलोनी साँवरी,
    सुन बाँसुरी की राग को हम हो गयी बावरी,
    माखन को चुराने वाले दिल चुराया न करो ॥१॥
    मोहन हमारे मधुवन में तुम आया न करो,
    जादू भरी या बाँसुरी बजाया न करो ॥

    माथे मुकुट, गलमाल, कटि में काछनी सोहे,
    कानों में कुण्डल झूमके मन मेरे को मोहे,
    इस चन्द्रमा के रुप को लुभाया न करो ॥२॥
    मोहन हमारे मधुवन में तुम आया न करो,
    जादू भरी या बाँसुरी बजाया न करो ॥

    अपनी यशोदा मात की सौगन्ध है तुमको,
    यमुना नदी के तीर पै तुम ना मिलो हमको,
    इस बाँसुरी की तान पै बिलमाया ने करो ॥३॥
    मोहन हमारे मधुवन में तुम आया न करो,
    जादू भरी या बाँसुरी बजाया न करो ॥

    इसी तुम्हारी बाँसुरी ने मोहिनी डारी,
    चन्द्र सखी की बीनती तुम सुनियौ बनवारी,
    दरस दिखा दे साँवरा अब देर नाकरो ॥४॥
    मोहन हमारे मधुवन में तुम आया न करो,
    जादू भरी या बाँसुरी बजाया न करो ॥

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  2. श्री राधा जी ने अपने महल मै तोते पाल रखे थे और उन्हें रोज़ हरे कृष्ण
    हरे कृष्ण कहती थी तो तोते भी सारा दिन हरे कृष्ण हरे कृष्ण बोलते रहते
    और सब सखियाँ भी हरे कृष्ण हरे कृष्ण कहती | एक दिन राधाजी यमुना किनारे
    विचर रही थी सखियाँ दूर झुंड मै किकोल कर रही थी | इतने मै उनकी सामने
    नज़र पड़ी तो क्या देखती है की शामसुंदर नारद जी से बतिया रहे है | श्रीजी को
    क्या सूझी वो छिप कर उनकी बातें सुनने लगीं | नारद जी कह रहे थे कि जहाँ भी
    मैं जाता हूँ वहीं पूरे ब्रज मै हरे कृष्ण हरे कृष्ण कि गूँज सुनाई देती
    है | ठाकुरजी
    बोले पर मुझे तो राधे राधे नाम प्रिय है | इतना सुनते ही राधाजी कि आँखों
    से अश्रूयों
    कि धरा बहने लगी वो तुरंत अपने महल पर लौट आयीं | उन्होने अब अपने तोतों से
    हरे कृष्ण कि जगह राधे राधे कहने लगी | जब सखियों ने कहा लोग तुम्हे अभिमानी
    कहेंगे कि तुम अपने नाम कि जय बुलवाना चाहती हो | श्री जी ने कहा कि अगर मेरे
    प्रियतम को यही नाम पसंद है तो मैं तो यही नाम लूंगी चाहें लोग कुछ भी कहें |

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  3. शिव का क्रोध~~~
    महर्षि भृगु ब्रह्माजी केमानस पुत्र थे। उनकी पत्नी का नाम ख्याति था जोदक्ष की पुत्री थी। महर्षि भृगु सप्तर्षिमंडलके एक ऋषि हैं। सावन और भाद्रपद में वे भगवान सूर्य के रथ पर सवार रहते हैं।
    एक बार की बात है, सरस्वती नदी के तट पर ऋषि-मुनि एकत्रित होकर इस विषय पर चर्चा कर रहे थे कि ब्रह्माजी, शिवजी और श्रीविष्णु में सबसे बड़े और श्रेष्ठ कौन है? इसका कोई निष्कर्ष न निकलता देख उन्होंने त्रिदेवों की परीक्षा लेने का निश्चय किया और ब्रह्माजीके मानस पुत्र महर्षि भृगु को इस कार्य के लिए नियुक्त किया।
    महर्षि भृगु सर्वप्रथम ब्रह्माजी के पास गए। उन्होंने न तो प्रणाम किया और न ही उनकी स्तुति की। यह देख ब्रह्माजी क्रोधित हो गए। क्रोध की अधिकता से उनका मुख लाल होगया। आँखों में अंगारे दहकने लगे। लेकिन फिर यह सोचकर कि ये उनके पुत्र हैं, उन्होंने हृदय में उठे क्रोध के आवेग को विवेक-बुद्धि में दबा लिया।
    वहाँ से महर्षि भृगु कैलाश गए। देवाधिदेव भगवान महादेव ने देखा कि भृगु आ रहे हैं तो वे प्रसन्न होकर अपने आसन से उठे और उनका आलिंगन करने के लिए भुजाएँ फैला दीं। किंतु उनकी परीक्षा लेने के लिए भृगु मुनि उनका आलिंगन अस्वीकार करते हुएबोले-“महादेव! आप सदा वेदों और धर्म की मर्यादा का उल्लंघन करते हैं। दुष्टों और पापियों को आप जो वरदान देते हैं, उनसे सृष्टि पर भयंकर संकट आ जाता है। इसलिए मैं आपका आलिंगन कदापि नहीं करूँगा।”
    उनकी बात सुनकर भगवान शिव क्रोध से तिलमिला उठे। उन्होंने जैसे ही त्रिशूलउठा कर उन्हें मारना चाहा,वैसे ही भगवती सती ने बहुतअनुनय-विनय कर किसी प्रकार से उनका क्रोध शांत किया। इसके बाद भृगु मुनि वैकुण्ठ लोक गए। उस समय भगवान श्रीविष्णु देवी लक्ष्मी की गोद में सिर रखकर लेटे थे।
    भृगु ने जाते ही उनके वक्षपर एक तेज लात मारी। भक्त-वत्सल भगवान विष्णु शीघ्र ही अपने आसन से उठ खड़े हुए और उन्हें प्रणाम करके उनके चरण सहलाते हुए बोले-“भगवन! आपके पैर पर चोट तो नहीं लगी? कृपया इस आसन पर विश्राम कीजिए। भगवन! मुझेआपके शुभ आगमन का ज्ञान न था। इसलिए मैं आपका स्वागत नहीं कर सका। आपके चरणों का स्पर्श तीर्थों को पवित्र करने वाला है। आपके चरणों के स्पर्श से आज मैं धन्य हो गया।”
    भगवान विष्णु का यह प्रेम-व्यवहार देखकर महर्षि भृगु की आँखों से आँसू बहने लगे। उसके बाद वे ऋषि-मुनियों के पास लौट आए और ब्रह्माजी, शिवजी और श्रीविष्णु के यहाँ के सभी अनुभव विस्तार से कह बताया। उनके अनुभव सुनकर सभी ऋषि-मुनि बड़े हैरान हुए और उनके सभी संदेह दूर हो गए। तभी से वे भगवान विष्णु को सर्वश्रेष्ठ मानकर उनकी पूजा-अर्चना करने लगे।
    वास्तव में उन ऋषि-मुनियों ने अपने लिए नहीं, बल्कि मनुष्यों के संदेहों को मिटाने के लिए ही ऐसी लीला रची थी।

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  4. uparokt kuchh puranon men varnit hai .. parantu hamen dhyan rakhana chahiye bhagawan mahadev - krodh aadi se pare hain -bhakt vatsal hain evam shri hari bhakti pradayak sarvashreshth guru rup hain ! vastav men uparokt lila men bhagawan vishwanath ki mansha maharshi bhrigu evam jagat ko shri hari bhakti-shri hari charanarvind seva-priti men hi lagana hai ! astu mahadev jeev ko ram rupi madhur fal dete hain -- yahan krodh karana keval naatak jaisa hai !!
    namah parvati patyeh har-har mahadev !!
    jay shri hari !!

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  5. shri mad bhagawad geeta is the true GURU of universe lighting lord KRISHNA and his SUPREME SUGGESTION IN THE WORLD
    REAL GURU PUJA IS OBEYING SHRI MAD BHAGAWAD GEETA
    if we obey lord krishna's supreme education shri mad bhagavad geeta then all success of universe are on our head ..
    नमः पार्वती पत्ये हर-हर महादेव
    जय -जय सियाराम
    जय श्री राधेश्याम

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हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ! हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे !!