Monday, January 17, 2011

श्रीजी पद पंकज जिनके ह्रदय-चित्त में बसे हैं

* जय श्री राधे *
जो नन्द के लाला भगवान श्री कृष्ण को अपना मानते-समझते हैं -
श्रीजी पद पंकज जिनके ह्रदय-चित्त में बसे हैं
श्री वृन्दावन चन्द जिनके नयनों के केन्द्र हैं

 
"स्वीटी राधिका राधे-राधे"
-श्री वृन्दावन धाम- 
जो नन्द के लाला भगवान श्री कृष्ण को अपना मानते-समझते हैं -
श्रीजी पद पंकज जिनके ह्रदय-चित्त में बसे हैं
श्री वृन्दावन चन्द जिनके नयनों के केन्द्र हैं

 
 "स्वीटी राधिका राधे-राधे"
-श्री वृन्दावन धाम- 
 
जो नन्द के लाला भगवान श्री कृष्ण को अपना मानते-समझते हैं -
श्रीजी पद पंकज जिनके ह्रदय-चित्त में बसे हैं
श्री वृन्दावन चन्द जिनके नयनों के केन्द्र हैं

 
 "स्वीटी राधिका राधे-राधे"
-श्री वृन्दावन धाम- 
जो नन्द के लाला भगवान श्री कृष्ण को अपना मानते-समझते हैं -
श्रीजी पद पंकज जिनके ह्रदय-चित्त में बसे हैं
श्री वृन्दावन चन्द जिनके नयनों के केन्द्र हैं


"स्वीटी राधिका राधे-राधे"
-श्री वृन्दावन धाम- 
जो नन्द के लाला भगवान श्री कृष्ण को अपना मानते-समझते हैं -
श्रीजी पद पंकज जिनके ह्रदय-चित्त में बसे हैं
श्री वृन्दावन चन्द जिनके नयनों के केन्द्र है
"स्वीटी राधिका राधे-राधे"
-श्री वृन्दावन धाम-
मित्रो,
यह पोस्ट आप उन सब के लिए है जो नन्द के लाला भगवान श्री कृष्ण को अपना मानते-समझते हैं - श्रीजी पद पंकज जिनके ह्रदय-चित्त में बसे हैं -श्री वृन्दावन चन्द जिनके नयनों के केन्द्र हैं -
यदि आपका ह्रदय श्याम सुन्दर के लिए धड़कता है - आपका मन मुरली मनोहर की मृदुल चित चोर मन भावन मुस्कान के लिए मचलता है - आपका कंठ और आपकी रसना नित-प्रति श्रीराधे - श्रीराधे टेर में रत हैं - आपके श्रवण हरि कथा सुनने को व्यग्र हैं - आपके नयन श्री राधावल्लभ-कुञ्ज बिहारी लाल के दर्शन को आतुर हैं - आप को श्रीजी कृपा संग लाभ की लालसा है - श्री वृन्दावन वास आपकी परम आकांक्षा है - बृजवासी-भक्त संग हेतु जिनकी मति-बुद्धि अधीर है - 
आप श्री कृष्ण भक्ति प्रचारार्थ रास-बिहारी-मन मोहन यसुमती नंदन माखन चोर कुञ्ज बिहारी भगवान श्री राधा रमण श्री राधिका वल्लभ कृष्ण कन्हैया नीलमणि के प्रति अपने भाव-उद्गार-अनुभव-प्रसंग यहाँ लिख कर श्री गिरधर गोपाल श्री बाँके बिहारी जी की कृपा - स्नेह प्राप्त करें , निश्चय ही हमारी स्वामिनी श्री राधे आपके इस महान सुकृत्य पर प्रसन्न हो "श्री श्याम रस" आशीष में प्रदत्त करेंगी !  मुरली मनोहर सांवरिया जी सहज भाव में आपके ह्रदय में श्री वृन्दावन रस धारा का स्फुरण कराएँगे ! मित्रो श्याम सुन्दर के कीर्तन कलि काल में सर्व श्रेष्ठ भगवद आराधना है और आप भली भाँति समझते हैं कि कलि के आधुनिक संपर्क-यन्त्र-संसाधन इंटरनेट पर हम सब यह -
श्री राधे-श्याम संकीर्तन ही तो कर रहे हैं -
अतः मित्रो अबिलम्ब मेरे आमंत्रण को स्वीकार कर इस श्याम धुन-
श्रीराधा नाम संकीर्तन मंडल में सम्मिलित होकर प्रेम से श्रीराधे-राधे गायें---


जय-जय श्री राधे-श्याम



2 comments:

  1. राधा के बिना श्याम आधा कहते राधे श्याम जनम जनम का भाग जगा दे एक राधा का नाम
    हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।

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हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ! हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे !!