!!हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे-हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे!!
"हरेकृष्ण-महामंत्र" आप भी मेरे साथ अवश्य लिखें एवं श्रीजी की कृपा प्राप्त करें -राधे-राधे
!!हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे-हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे!!
सत्यम शिवम् सुन्दरम मित्रो जगद में सत्य ही शिव अर्थार्त कल्याण-मय -भगवद तुल्य और श्रेष्ठ -उत्तम एवं सुन्दरतम है ...इस सत्य के परायण से संतुष्टि -उन्नति-शांति एवं आत्म-बल की उपलब्धि होती है ..संसार में सत्य के सिवा प्रत्येक नश्वर है -नाशवान है ...हमारी सभ्यता-संस्कृति का आधार यही सत्य है ..यही कारन है अनेकों अत्याचारी समूहों द्वारा सताए -मारे-काटे जाने पर भी आज हम सब सत्य आश्रयी सनातन मताब्लाम्बी पुनः शिखर की और अग्रसर हैं ...जगत में सर्वत्र सनातन घोष की महिमा है ..स्वामी विवेकानंद --भक्ति वेदान्त प्रभु पाद के कृपा ज्ञान व सत्य सनातन संस्कृति के आशीर्वाद से ...भक्त जन हरे कृष्ण जप -गायन कर रहे हैं .. आओ हम सब भी इन महापुरुषों के पावन चरणों का ध्यान करते हुए प्रेम से गायें हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे -हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे .....हर-हर महादेव ..जो बोले सो अभय-सत्य सनातन धर्मं की जय
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे-हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे" कबि न होउं नहीं चतुर कहावउं ! मति अनुरूप राम गुन गावउं !! हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे-हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे-हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे मेंने पूछा भक्तों से कि देखा है कहीं ..ऐसे भगवान सा हँसी...गोपीजन वल्लभ सा हँसी ...पार्थसारथि सा हँसी... भक्तों ने कहा हमें भक्ति की सपथ नहीं..नहीं नहीं मेने पूछा जगत में कि देखा है कहीं ...गौर प्रेम सा कहीं ...मीरा भाव सा कहीं ..सूर अनुराग सा कहीं जगत ने कहा ..सब सुन्दरता की कसम नहीं-नहीं-नहीं
सत्यम शिवम् सुन्दरम
ReplyDeleteमित्रो जगद में सत्य ही शिव अर्थार्त कल्याण-मय -भगवद तुल्य और श्रेष्ठ -उत्तम एवं सुन्दरतम है ...इस सत्य के परायण से संतुष्टि -उन्नति-शांति एवं आत्म-बल की उपलब्धि होती है ..संसार में सत्य के सिवा प्रत्येक नश्वर है -नाशवान है ...हमारी सभ्यता-संस्कृति का आधार यही सत्य है ..यही कारन है अनेकों अत्याचारी समूहों द्वारा सताए -मारे-काटे जाने पर भी आज हम सब सत्य आश्रयी सनातन मताब्लाम्बी पुनः शिखर की और अग्रसर हैं ...जगत में सर्वत्र सनातन घोष की महिमा है ..स्वामी विवेकानंद --भक्ति वेदान्त प्रभु पाद के कृपा ज्ञान व सत्य सनातन संस्कृति के आशीर्वाद से ...भक्त जन हरे कृष्ण जप -गायन कर रहे हैं ..
आओ हम सब भी इन महापुरुषों के पावन चरणों का ध्यान करते हुए प्रेम से गायें हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे -हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे .....हर-हर महादेव ..जो बोले सो अभय-सत्य सनातन धर्मं की जय
हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ! हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे !!
ReplyDeleteहरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ! हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे !!
ReplyDeleteहरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे-हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे"
ReplyDeleteकबि न होउं नहीं चतुर कहावउं ! मति अनुरूप राम गुन गावउं !!
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे-हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे-हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
मेंने पूछा भक्तों से कि देखा है कहीं ..ऐसे भगवान
सा हँसी...गोपीजन वल्लभ सा हँसी ...पार्थसारथि सा हँसी... भक्तों ने कहा
हमें भक्ति की सपथ नहीं..नहीं नहीं
मेने पूछा जगत में कि देखा है कहीं
...गौर प्रेम सा कहीं ...मीरा भाव सा कहीं ..सूर अनुराग सा कहीं जगत ने कहा
..सब सुन्दरता की कसम नहीं-नहीं-नहीं
प्रेम से बोलें
ReplyDeleteराधे-राधे
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे -हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे