Friday, June 17, 2011

HAREKRISHNA-HARERAMA

HARE KRISHNA KRISHNA KRISHNA HARE HARE ....(¯`v´¯) ........ •.¸.•´ ...¸.•´ .. ( ☻ / /▌♥ / \ HARE RAMA HARE RAMA RAMA RAMA HARE HARE ..(¯`v´¯) ....'·.¸.·´ THE LORD KRISHNA ☆☆☆☆☆☆☆☆ ☆ ♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥ JAY JAY SHREE ☆RADHA KRISHNA ║║╔═╦╦╦═╗ ║╚╣║║║║╩╣ ╚═╩═╩═ KRISHNA ☆☆☆☆☆ ☆♥♥☆ "♥"♥"♥"' "♥"♥"♥"' hare krishna "♥"♥"♥"' "♥"♥"♥"' hare krishna "♥"♥"♥"' "♥"♥"♥"' krishna krishna "♥"♥"♥"' "♥"♥"♥"' hare hare "♥"♥"♥"' "♥"♥"♥"' hare rama "♥"♥"♥"' "♥"♥"♥"' hare rama "♥"♥"♥"' "♥"♥"♥"' rama rama "♥"♥"♥"' "♥"♥"♥"' hare hare "♥"♥"♥" ☆♥♥♥☆ ..(¯`v´¯) ♥♥♥♥ ....'·.¸.·´My ♥♥♥ ..LOVE ♥♥ ..(FOR ♥THE ..(¯`v´¯)LORD ...`*.¸.*KRISHNA ..(¯`v´¯) ♥♥♥♥ ....'·.¸.·´ ♥















moksha is motto for all but often bhaktas do not wish for moksha
their heart always dreaming for a company-service of their love (lord krishna )
so want to born again and again !!
one rhymes is popular in braj dham-
""mukti kahe gopal son - meri mukti bataay ! 
braj raj ud mastak pade - to mukti mukt hwai jaay !!""

the meaning of this is-

oneday the great mukti (the goddess of moksha ) went to gopal (lord krishna ) and asked about her moksha ... 
then lord krishna suggested her ( goddess of moksha ) .. she would go to vrindavan ..
and when will the dust of shri vrindavan dham touch her head ,, she will get moksha .

!! jay-jay shri radhey shyam !!          





!!हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे -हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे!!
!!हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे -हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे!!
भायँ कुभायँ अनख आलसहूँ ! नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ !!
सुमिरि सो नाम राम गुन गाथा ! करउँ नाइ रघुनाथहि  माथा !! 
मोरि सुधारिहि सो सब भाँती !जासु कृपा नहिं कृपाँ अघाती !! 
राम सुस्वामि कुसेवकु मोसो ! निज दिसि देखि दयानिधि पोसो !!
लोकहुँ बेद सुसाहिब रीती ! बिनय सुनत पहिचानत प्रीती !!
गनी गरीब ग्राम नर नागर ! पंडित मूढ़ मलीन उजागर !!
सुकबि कुकबि निज मति अनुहारी ! नृपहि सराहत सब नर नारी !!
साधु सुजान सुसील नृपाला ! ईस अंस भव परम कृपाला !!
सुनी सनमानहिं सबहि सुबानी ! भनिति भगति नति गति पहिचानी !!
यह प्राकृत महिपाल सुभाऊ ! जान सिरोमनि कोसलराऊ !!
रीझत राम सनेह निसोतें ! को जग मंद मलिनिमति मोतें !!
सठ सेवक की प्रीती रूचि - रखिहहिं राम कृपालु !
उपल किये जलजान जेहिं - सचिव सुमति कपि भालु !!
हौंहु कहावत सबु कहत-राम सहत उपहास !
साहिब सीतानाथ सो सेवक तुलसीदास !!
हाँ तो मित्रो पावन एवं मधुर हरिनाम लिखते रहें-
आपको पता है कि  कलियुग में केवल हरिनाम संकीर्तन ही भगवद भजन का श्रेष्ठ एवं
अत्यंत सुगम-सरल उपाय है ..और  मेरा  मानना है की इस कलियुग  के अवतार
ऑरकुट या अन्य किसी सोसल-नेटवर्किंग साइट पर आप यदि हरिनाम स्क्रेप भेजते
हैं तो यह  भजन अनंत गुना हो कर आपको श्री हरि कृपा प्रदान करेगा ..अतः
अबिलम्ब मेरी सभी कम्युनिटियों पर हरिनाम लिख  डालें  तथा सभी इष्ट-मित्रों
को स्क्रेप करें व कम्युनिटियों में हरिनाम लिखने को कहें ..राधे-राधे
..मित्रो  हमारे लिए श्री राम चरित मानस के आधार पर हरि नाम स्मरण  "लोक
लाहु पर लोक निबाहू "  है अर्थात इस लोक (जीवन) में भी सब प्रकार के लाभ
देकर परलोक (मृत्यु के बाद ) में भी सब प्रकार का सहारा देने वाला होता है
...जय सिया राम 

हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्णकृष्ण हरेहरे-हरेराम हरेराम रामराम हरेहरे 

5 comments:

  1. चहुँ और अंधड़ व्याप्त है !
    सूझे न कोई दिस हमें !!
    राज -तंत्र को राक्षस मरो !
    अब प्रजातंत्र को प्रेत है !!
    खोगए पुंज प्रकाश के सब !
    लूट -मार ही को ध्येय है !!
    महावीर के ही नाम आशा !
    प्रेतबाधा मुक्ति एक है !!
    पवन तनय संकट हरन - करि दीजो कृपा की हूक !
    राम -राज्य भारत बसे - मिटे भ्रष्टाचार को भूत !!

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  2. मैं सत्य-सनातन धर्मं एवं संस्कृति में सभी सम्प्रदायों से जुडी हूँ ... जय सियाराम --
    सभी वैष्णव -शैव -शाक्त मेरे अपने सत्य के मार्ग हैं _
    मेरे लिए भगवान श्री सीताराम -श्री राधेश्याम जी की अहैतुकी-अपरमित कृपा-स्नेह ही सर्वोपरि है ,,
    श्री मद भागवत -श्री मद भगवद गीता -श्री राम चरित मानस मेरे जीवन गीत-संगीत हैं -
    सभी भक्तों की पद-रेनू मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य कारी है -
    भगवान भूत-भावन श्री गौरी शंकर जी के आशीर्वाद से मुझे यह सब मति-बुधि प्राप्त हैं !
    !!!! नमः पार्वती पत्ये हर-हर महादेव !!!!!

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  3. भले ही हाय-हेलो-थेंक्स-वाय ना छोडो पर जय सियाराम -जय राधेश्याम -जय लक्ष्मीनारायण - नमः पार्वती पत्ये हर-हर महादेव भी अवश्य बोलो !!
    कलियुगी पुस्तक फेस-बुक पर भगवद नाम सुमिरन अनंत गुना फल दाई है !
    यथा-
    भाव कुभाव अनख आलस हूँ ! नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ !!
    कलियुग केवल नाम अधारा ! सुमिर-सुमिर भव उतरहिं पारा !!

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  4. जय श्री राधेश्याम
    किशोरी जी की शरण ग्रहण करने पर चित्त श्री श्यामसुन्दर के अनुराग -आनंद में स्थिर हो सदैव राधे -श्याम -राधे -श्याम -राधे -श्याम गानकर प्रफुल्लित हो कृत्य -कृत्य अनुभव करता है
    .. जय श्री राधेश्याम

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  5. mera prayojan bas itana hai ki aaj-kal pakhandi log guru mahima ka sahara lekar .. business chala rahe hain - chele-cheli-chamatkar ki kah nirdosh-bhole-bhale logon ko thag kar unaka arthik-sharirik shoshan kar rahe hain is .. karan ab hamen guru ko govind se jodakar pracharit karana hai .. kyonki jo log thag hain vo apani puja -apani mahima jaroor gata-gavavata hai jabaki sachcha sant-guru keval govind gun gan se hi param tusht hota hai !! avashyakata hai ek jan chetana ki pakhandiyon ko jan-manash ke sammukh lane ki - yah bhi guru-govind seva hi hogi !!

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हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ! हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे !!